हो घने हो बड़े,
एक पट छाव की,
मांग मत,मांग मत,मांग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ.
तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.
ये महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु स्वेद रक्त से,
लथपथ, लथपथ, लथपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.
हरिवंश राय बच्चन
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